मध्य प्रदेश में जांच के पश्चात न्यूज़ रिपोर्टर के अनुसार मध्य प्रदेश में 87630 शिक्षक पद खाली हैं MP TET

भारत सरकार की राज्य स्तरीय शिक्षा रिपोर्ट 2021 के अनुसार मध्य प्रदेश में 87.630 शिक्षकों की कमी है और 21,000 से अधिक स्कूल एक-एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहे हैं। कुछ स्कूल तो ऐसे हैं जहा पर प्राइमरी का एक भी शिक्षक नहीं है। अतिथि कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश में 87630 शिक्षकों की कमी, 21 हजार से अधिक स्कूल एक शिक्षक के भरोसे शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद के साथ द्वितीय काउंसलिंग कराने की मांग करने वाले पात्र अभ्यर्थियों ने पिछले दिनों लोक शिक्षण संचालन कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन कर नारेबाजी करते हुए समस्त रिक्त पदो पर स्थाई शिक्षक भर्ती की माग की और कहा कि जब सासद-विधायक जाते है
का एक भी पढ़ माह से अधिकभी को हैक क्षिक भर्ती के लिए शिक्षकों के सहारे प्राथमिक समय तक रिक नहीं रह सकता है तब शिक्षकों के तत्वारों की संख्या में द्वितीय काउंसलिंग में पूर्व में चयनित पद कई वर्षों तक रिक्त क्यों रखेहो प्रथम चरण में देखा गया है कि स्कूल एवं जनजातीय आपत्तिज
मांगा द्वारा एक का नाम दोनों में एक दोनों विभागों में सम्मिलित कर दिया गया है जिसमें प्रदान की जाए। ज्ञापन पत्र में समस्त करने के लिए मजबूर करती है या अभ्यर्थियों के नामों को पुनसावृति नाटिंग एवं अन्य पात्र अध्यार्थियों ने
विषयों को समान रूप से महत्व देते फिर शीघ्र नियुक्तियां प्रदान कर स्थाई
मिश्रा सुपरा श्रीवास्तव, प्रीति शाय मुसित शाहिद खान सपना सिंह, पूजा मनश्याम अतिवार काल परमार, सरिता मानौर, राजस जसवत सिराज सेन सहित अन्य ने जापन सौंपने के बाद बताया कि स्थाई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया लगभग पिछले वर्षों से चढ़े मीति से चल रही है अतः समस्त रिक पदों पर द्वितीय काउंसलिंग करतेपात्र अभ्यार्थियों को भी शोध नियुक्तियों भी शिक्षकों की सड़क पर सघर्ष पूर्ण करने की भी प्रमुखता से की गई है। करती है।
लोक शिक्षण संचालनाल आयुक्त के साथ-साथ प्रमुख चन स्कूल शिक्षा विभाग आयुक जनवाताय विभाग, स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह एवं मुलराज सिंह चौहान के नाम भी ज्ञापन पत्र सौंपकर शिक्षक भर्ती पूर्ण कराने की मांग की गई इसमें पूर्व भी पत्र अभ्यर्थियों द्वारा कई बार भोपाल में विरोध प्रदर्शन किए जा चुके है अब देखना है कि आखिर सरकार कम तक इन राष्ट्र निर्माताओं शिक्षा अवसर प्रदान
प्रदेश में 87 हजार शिक्षकों के पद खाली, रिक्त पदों पर भर्ती हो मांगों को लेकर डीपीआई के सामने पात्र अभ्यर्थियों का प्रदर्शन
4 मई, प्रदेश में 10 वर्ष बाद हो रही शिक्षक भर्ती में अभी न तक नाम मात्र की नियुक्तियां की गई हैं जबकि केंद्र, राज्य शिक्षा सर्वेक्षण 2021 के अनुसार प्रदेश10 साल बाद हो रही शिक्षक भर्ती नाम मात्र की में 87,630 पद रिक्त बतलाए जा रहे हैं. इसे लेकर शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने बुधवार को लोक शिक्षण संचालनालय कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया.
अभ्यर्थियों ने कहा कि जवाब
पुनरावृत्ति ना हो प्रथम चरण में देखा गया है कि स्कूल शिक्षा विभाग एवं जनजातीय विभाग द्वारा एक ही अभ्यथी का नाम दोनों वर्गों में एवं दोनों विभागों में सम्मिलित कर दिया गया है, जिससे बैटिंग एवं अन्य पात्र अभ्यर्थियों ने आपत्ति जताई है, रंजीत गौर ने बताया लगभग पिछले 4 वर्षों से बड़े ही धीमी गति से चल रही है. अतः समस्त रिक्त पदों पर द्वितीय काउंसलिंग करते हुए शेष पात्र विषयों को समान रूप से महत्व देते रह सकता है तब शिक्षकों के हजारों की संख्या में पद कई वर्षों तक रिक्त क्यों रखे जाते हैं. अभ्यर्थियों ने गुहार आयुक्त के नाम ज्ञापन पत्र सौंपकर काउंसलिंग कराने की मांग की पात्र उच्च एवं माध्यमिक शिक्षकों के लिए पदवृद्धि के साथ द्वितीय अभ्यर्थियों ने नारेबाजी करते हुए अभ्यर्थियों ने कहा है कि लोक शिक्षण संचालनालय आयुक्त के साथ-साथ प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, आयुक्त जनजातीय विभाग, स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम भी जापन पत्र सौंपकर शिक्षक भर्ती पूर्ण कराने की मांग की गई. इससे पूर्व पात्र अभ्यर्थियों द्वारा कई बार भोपाल में विरोध प्रदर्शन किए जा चुके हैं अब देखना यह है कि आखिर सरकार कब तक इन राष्ट्र निर्माताओं व भावी के लिए मजबूर करती है.
सांसद, विधायक का एक भी पद 6 समस्त रिक्त पदों पर स्थाई शिक्षक माह से अधिक समय तक रिक्त नहीं भर्ती की मांग की और कहा कि शिक्षकों को सड़क पर संघर्ष करने कि स्थाई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया
द्वितीय काउंसलिंग की मांग
अभ्यर्थियों की प्रमुख रूप से यह अभ्यार्थियों को भी शीघ्र नियुक्तियां मांग भी की गई है कि शिक्षक भर्ती प्रदान की जाएं ज्ञापन पत्र में समस्त के लिए द्वितीय काउंसलिंग में पूर्व से चयनित अभ्यर्थियों के नामों को हुए शिक्षक भर्ती पूर्ण कराने की मांग
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बाल विकास एवं शिक्षाशास्य (child Development & Pedagogy )

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  • अधिगम के लिए आंकलन और अधिगम का आंकलन में अंतर, शाला आधारित आंकलन, सतत मूल्यांकन, स्वरूप और प्रथाएं (मान्यताएं)एवं समग्रअधिगमकर्त्ताओं की तैयारी के स्तर के आंकलन हेतु उपयुक्त प्रश्नों का निर्माण कक्षाकक्ष में अधिगम को बढ़ाने आलोचनात्मक चिंतन तथा अधिगमकर्त्ता की उपलब्धि के आंकलन के लिए।
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