रिक्त पदों को नहीं भरा तो खाली हो जाएंगे सरकारी दफ्तर डॉ. गोविन्द सिंह नेता प्रतिपक्ष ने सरकारी नौकरी में भर्ती चालू करने की मांग
भोपाल 01 सितम्बर, 20022 राज्य में सरकारी महकमों में निरन्तर खाली होते पदों को भरने की प्रक्रिया में शिवराज सरकार द्वारा की जा रही लेटलतीफी पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह ने चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा है भाजपा सरकार ने 18 वर्ष के कार्यकाल में 18 बार सरकारी रिक्त पदों को भरने की घोषणाएं की लेकिन घोषणाएं जुमला साबित हो रही है। मप्र में कई विभागों में सरकारी नौकरियों में सीधी भर्ती पर रोक लगी हुई है। ऐसे में साल-दर-साल कर्मचारी तो नेवानिवृत्त हो रहे हैं. लेकिन उनकी जगह सरकार द्वारा नई भर्ती नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने सीधी भर्ती पर से रोक नहीं हटाई तो करीब साढ़े तीन साल बाद सरकारी दफ्तरों में सन्नाटा पसरा दिखाई देगा। इसकी वजह यह है कि 2025 तक प्रदेश में कार्यरत कर्मचारियों में से 80.18 प्रतिशत कर्मचारी सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वर्ष 2001 में प्रदेश में नियमित अधिकारी कर्मचारियों की संख्या 5 लाख 13 हजार थी। 31 मार्च 2018 में यह आंकड़ा घटकर 4.52.439 हो गया। मौजूदा स्थिति के मुताबिक प्रदेश में 4 लाख 37 हजार नियमित अधिकारी-कर्मचारी हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि शासन को अभी बड़े विभागों को छोड़कर 36 विभागों में रिक्त पदों की जानकारी प्राप्त हुई जिसमें 40 हजार पद रिक्त बताये गये है। सभी 56 विभागों में लगभग 93 हजार से ज्यादा पद रिक्त है. जिसमें सबसे ज्यादा 30 हजार पद स्कूल शिक्षा विभाग के है दूसरी ओर प्रदेश के 33 हजार स्कूलों में एक शिक्षक के भरोसे स्कूल संचालित हो रहे है। इसी क्रम उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत 14 सरकारी विश्व विद्यालयों के कालेजों में 1193 प्रोफेसर के पद रिक्त है। अतिथि विद्वानों के भरोसे कॉलेज चल रहे है, सैकड़ों प्रोफेसर रिसर्च कक्षाओं के साथ के कार्यालय के गैर शैक्षणिक कार्य कर रहे है। उक्त आकड़े यह दर्शा रहे है कि स्कूल और कॉलेजों में शिक्षकों एवं प्रोफेसरों की भारी कमी से शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा नगर पालिक निगम, नगरपालिकाओं, नगर परिषदों, कृषि उपज मण्डी निगम मण्डलों में 60 प्रतिशत से अधिक पद रिक्त है जिसके निगम मण्डलों के कार्यालय के कार्य ठप्प पड़े है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मार्च-2022 में राज्य सरकार ने विधानसभा में जो आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया है उसके मुताबिक प्रदेश में 30.23 लाख पंजीकृत बेरोजगार है जबकि केन्द्र सरकार के ई श्रम पोर्टल पर प्रदेश के बेरोजगारों की संख्या 1:30 करोड़ दर्ज है। इनमें 35 प्रतिशत बेरोजगार ग्रेजुएट है प्रदेश में बेरोजगारों की रोजगार देने के राज्य सरकार के दावे की पोल इन आकड़ों से खुल गई है, यदि वास्तव में सरकार ने सरकारी विभागों में भाजपा शासन काल में रोजगार उपलब्ध कराये है, तो श्वेत पत्र जारी कर अवगत कराये, बयानबाजी से प्रदेश के बेरोजगारों को गुमराह करना बंद करें।
भोपाल। शिक्षक पात्रता परीक्षा के अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है, क्योंकि मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड Professional Examination Board ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (वर्ग 3 शिक्षक भर्ती परीक्षा MPTET-3) का रिजल्ट जारी कर दिया है. यह रिजल्ट व्यापमं vyapam की ऑफिशियल वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है. ऐसे में जो उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल हुए थे वह अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं.
2022 में हुई थी परीक्षा
मध्यप्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ने एमपी टीईटी का आयोजन मार्च 2022 में किया था. रिजल्ट की लिंक ऑफिशियल वेबसाइट पर उपलब्ध है. बता दें कि, एमपी वर्ग 3 संविदा शिक्षक मेरिट लिस्ट भी जारी हुई है. रिजल्ट देखने के लिए उम्मीदवारों को अपने रजिस्ट्रेशन नंबर और पासवर्ड की जरूरत होगी. ऐसे में जो उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल हुए थे वो ऑफिशियल वेबसाइट- peb.mp.gov.in पर विजिट करे.
प्रिंट जरूर ले
अभ्यर्थी रिजल्ट चेक करने के बाद प्रिंट जरूर ले लें. क्योंकि मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षक पद के लिए पात्र होने के लिए इस परीक्षा में पास होना जरूरी होता है. रिजल्ट के साथ मेरिट लिस्ट भी वेबसाइट पर देखा जा सकता है.
इस तरह चेक करें रिजल्ट
- सबसे पहले अभ्यर्थी को peb.mp.gov.in ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए
- इसके बाद लेटेस्ट अपडेट अनुभाग के आप्शन पर क्लिक करना होगा
- फिर Choose MP Varg 3 Samvida Shikshak Result Link पर क्लिक करना होगा
- अपना पंजीकरण नंबर दर्ज करें और परिणाम देखें और पर क्लिक करें
- इस पेज पर आप अपना Samvida Shikshak Result देख सकते हैं.
- अपनी मार्कशीट डाउनलोड करें या प्रिंट ले लें.
रिजल्ट के बाद की प्रक्रिया
अगर एमपी टीईटी परीक्षा में अभ्यर्थी का नाम मेरिट लिस्ट में आता है. तो इसका मतलब है कि आप अनंतिम रूप से भर्ती के लिए चुने गए हैं. एमपी वर्ग 3 संविदा शिक्षक मेरिट सूची में नाम प्राप्त करने के बाद, आप डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन प्रक्रिया के लिए आगे बढ़ सकते हैं. कई कारकों पर विचार करने के बाद मेरिट सूची तैयार की जाती है और फिर इसे अंतिम रूप दिया जाता है.
उन्होंने रिक्त पदों को भरने की बजाय कामचलाऊ व्यवस्था के तहत सरकारी विभागों में की जा रही आउटसोर्सिंग पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आउट सोर्स व्यवस्था समाप्त की जाए एवं उन्हें नौकरी की गारंटी दी जाए। यही नहीं उन्होंने बेरोजगारों के साथ ठगी किए जाने पर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में खुद सरकार स्वीकार कर चुकी है कि व्यापम की परीक्षाओं के जरिए व्यापम ने 10 सालों में 455 करोड़ रुपए कमा लिए । नेता प्रतिपक्ष ने शिवराज सरकार द्वारा बेरोजगारों को रोजगार दिए जाने के नाम पर लगाए जा रहे रोजगार मेलों पर तंज कसते हुए कहा कि रोजगार मेलों के नाम पर सरकार क्या प्रदर्शित करना चाह रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वर्ष 2020 से संविदा कर्मियों को नियमित वेतनमान के विरुद्ध 90 प्रतिशत वेतन दिया जा रहा है लेकिन उन्हें न तो वेतन वृद्धि दी जा रही है और ना ही महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। डॉ. सिंह ने कहा कि यदि कर्मचारियों के हक में वास्तव में सरकार कुछ करना चाहती है तो ऐसे सं कम हो उन्हें क्रमश: नियमित कर काम तत्काल पार हो।